पंजीरी एक प्रकार की मिठाई जो आटे को घी में भूनकर उसमें धनिया, सोंठ, जीरा आदि मिलाकर बनाई जाता है । इसका व्यवहार विशेषतः नैवेद्य में होता है । श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उत्सव तथा श्री सत्यनारायण व्रत की कथा में पंजीरी का प्रसाद बँटता है । पंजीरी प्रसूता स्त्री कि लिये भी बनती है ओर पठावे में भी भेजी जाती है । – धनिया पंजीरी
कई ढंग की वस्तुओं और सम्बारों को भूनकर बनाया जाने वाला एक प्रकार का मीठा चूर्ण जो खाये जाने में काम आता है। जैसे—सत्यनारायण की पूजा के लिए बनानेवाली पँजीरी; प्रसूता अथवा दुर्बलों को खिलाने के लिए बनाई जानेवाली पौष्टिक पँजीरी। पूर्वी उत्तर प्रदेश में आटे से बनी पंजीरी को ‘मनभोग’ कहते हैं। धनिये से बनी पंजीरी को ही प्राय: पंजीरी कहा जाता है जो मुख्यत: कृष्ण जन्माष्टमी के बहुत बार पर प्रसाद के रूप में वितरित की जाती है।
रेसिपी – धनिया पंजीरी!
धनिया पंजीरी की सामग्री –
¾ कप धनिया बीज
3 बड़े चम्मच + 1 छोटा चम्मच घी
3-4 बड़े चम्मच कटे हुए बादाम
3-4 बड़े चम्मच कटे हुए काजू
2 बड़े चम्मच खरबूजे के बीज
2 बड़े चम्मच चिरौंजी
½ कप टूटे हुए मखाने
½ कप कसा हुआ सूखा नारियल
½ कप पिसी चीनी
½ छोटा चम्मच हरी इलायची पाउडर
धनिया पंजीरी की विधि –
- धनिया के बीजों को नॉन-स्टिक पैन में 2-3 मिनट तक भून लें। फिर प्लेट में निकाल लें और ठंडा होने दें।
- उसी पैन में 2 बड़े चम्मच घी गर्म करें, उसमें बादाम, काजू, खरबूजे के बीज और चिरौंजी डालें और सुनहरा भूरा होने तक भून लें। मिश्रण को एक बड़े कटोरे में डालें और ठंडा होने दें।
- उसी पैन में 1 बड़ा चम्मच घी गर्म करें, उसमें फूले हुए कमल गट्टे डालें और मध्यम आंच पर 2-3 मिनट तक भून लें। इसे उसी कटोरे में डालें और ठंडा होने दें।
- उसी पैन में सूखे नारियल को मध्यम आंच पर 2-3 मिनट तक भून लें।
- धनिया के बीज को ग्राइंडर जार में डालें और बारीक पीस लें।
- उसी पैन में बचा हुआ घी गरम करें, उसमें पिसा हुआ धनिया डालकर 1-2 मिनट तक भून लें। इसे उसी कटोरे में डालें और पूरी तरह ठंडा होने दें।
- इसमें पीसी हुई चीनी, हरी इलायची पाउडर डालें और अच्छी तरह मिला लें। और फिर सर्व करें।
⭐ मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी ये धनिया पंजीरी की रेसिपी पसंद आई होगी।
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